PM KUSUM Yojana : भारत सरकार की “PM KUSUM Yojana” किसानों के लिए एक क्रांतिकारी पहल है, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है। PM KUSUM Yojana से न केवल किसानों को सिंचाई के लिए विश्वसनीय ऊर्जा मिलेगी, बल्कि वे अप्रयुक्त ऊर्जा को ग्रिड में बेचकर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकेंगे। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि PM KUSUM Yojana क्या है, इसके क्या लाभ हैं, आवेदन कैसे करें, और इससे जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर।
PM KUSUM Yojana की कुछ बेसिक बातें
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पूरा नाम: Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan
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शुरुआत: फरवरी 2019 में केंद्रीय बिजली मंत्रालय द्वारा लांच
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मुख्य उद्देश्य:
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कृषि सिंचाई के लिए सोलर पंप लगाने में सहायता
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खेतों में सौर ऊर्जा आधारित वॉटर पंप को बढ़ावा
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आउटलेट सोलर पावर प्लांट से ग्रिड में ऊर्जा विक्रय
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तीन घटक:
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Component A: फ़ार्म गेट सीधी ऊर्जा आपूर्ति (Grid-connected solar pumps)
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Component B: ऑफ‑ग्रिड सोलर पंप (Standalone solar pumps)
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Component C: कुलीन किसानों के लिए बड़े सोलर पावर प्लांट
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PM KUSUM Yojana – मुख्य विवरण
इस योजना के अंतर्गत किसान अपने खेतों में सोलर वॉटर पंप (1 HP से लेकर 10 HP तक) लगा सकते हैं। सरकार 30%–60% तक की सब्सिडी प्रदान करती है, शेष राशि किसान लोन या स्वयं की पूँजी से चुकता करता है।
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Eligibility:
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भारतीय नागरिक किसान
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सरकारी नियत सिंचाई व्यवस्था के अंतर्गत आने वाले खेत
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लंबित बिजली बिल न हो
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सब्सिडी Structure:
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छोटे एवं सीमांत किसानों को 60% तक
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अन्य किसानों को 40% तक
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Loan facility:
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बैंकों/एफसीआई से 7% वार्षिक ब्याज दर तक
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किसान वर्षाना किस्तों (EMI) में चुकता कर सकते हैं
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PM KUSUM Yojana – कैसे करें आवेदन
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राज्य पोर्टल विजिट करें: अपने राज्य के ऊर्जा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट खोलें।
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ओनलाइन रजिस्ट्रेशन: ‘PM KUSUM Yojana’ सेक्शन में रजिस्टर करें।
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फ़ॉर्म भरें:
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किसान का नाम, आधार, मोबाइल नंबर
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खेत का पता, भूमि रिकॉर्ड, सिंचाई सोर्स की जानकारी
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दस्तावेज अपलोड करें:
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आधार कार्ड
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किसान दर्जा प्रमाण पत्र
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बिजली कनेक्शन का प्रूफ
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खेत का खसरा-खतौनी
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सब्सिडी और लोन चयन: सब्सिडी प्रतिशत चुनें और लोन लेने की इच्छा हो तो विकल्प चुनें।
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संबंधित अधिकारियों की मंजूरी: जिला/राज्य स्तर पर सत्यापन के बाद स्वीकृति मिलेगी।
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इंस्टॉलेशन और कनेक्शन: स्वीकृति के पश्चात् प्राधिकृत विक्रेता द्वारा सोलर पम्प इंस्टॉल होगा और ग्रिड से कनेक्शन जोड़ा जाएगा।
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PM KUSUM Yojana के फायदे
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बिजली बिल में बचत: सोलर पंप मुफ्त ऊर्जा देता है, जिससे बिजली बिल शून्य के लगभग हो जाता है।
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स्थिर सिंचाई: ग्रिड कनेक्शन के साथ कभी भी पानी मिलना सुनिश्चित।
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आय में वृद्धि: अधिशेष ऊर्जा को ग्रिड में बेचकर अतिरिक्त आमदनी।
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पर्यावरण संरक्षण: जीवाश्म ईंधन मुक्त, शुद्ध सौर ऊर्जा।
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राशि उधार बिना गारंटी: लोन योजना में गारंटी या को-आपरेंटर की आवश्यकता नहीं।
PM KUSUM Yojana के उपयोग
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खेतों में सिंचाई: धाराप्रवाह सिंचाई के लिए पाइपलाइन या स्प्रिंकलर सिस्टम।
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ग्रिड फीडिंग: बड़े पट्टे पर सोलर प्लांट बना कर एनर्जी एक्सचेंज करना।
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पोर्टेबल सोलर पंप: सीमित खेती वाले किसान जब चाहें तब अपने खेत तक ले जा सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1: PM KUSUM Yojana के लिए कितना समय लगेगा?
A: आम तौर पर आवेदन से लेकर इंस्टॉलेशन तक 45–60 दिन का समय लगता है।
Q2: क्या कर्ज चुकाने पर ओनर्सहिip मिलती है?
A: इंस्टॉलेशन के पूर्ण होने पर पंप आपके नाम पर ट्रांसफर हो जाता है।
Q3: सिस्टम में टेक्निकल दिक्कत आए तो क्या करें?
A: राज्य/जिला स्तर के टेक्निकल सपोर्ट सेंटर से संपर्क करें; वारंटी अवधि में फ्री रिपेयर।
Q4: अगर खेत दूर स्थिति में है, तो भी आवेदन कर सकता हूँ?
A: हां, ऑफ-ग्रिड सोलर पंप फॉर्मूला में कोई दूरी बाधा नहीं।
Q5: अधिशेष ऊर्जा की कीमत क्या रहेगी?
A: दरें राज्य नीति और ऊर्जा दर निर्धारण प्राधिकरण द्वारा तय होती हैं, लगभग ₹3–₹5 प्रति यूनिट।
Q6: क्या मरम्मत और देखभाल की सुविधा होगी?
A: वारंटी के अंदर फ्री, वारंटी के बाद राज्य के ठेकेदार से मामूली शुल्क पर।
Q7: कितने वर्षों तक सब्सिडी मिलती है?
A: सब्सिडी एक ही बार इंस्टॉल के समय ही मिलती है; उधार और अन्य चार्जेस अलग से।
निष्कर्ष
PM KUSUM Yojana किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे अपनी खेती को उन्नत, किफायती और पर्यावरण-हितैषी बना सकते हैं। PM KUSUM Yojana का लाभ उठाकर आप बिजली बिल में बचत करेंगे, सिंचाई को विश्वसनीय बनाएंगे, और अपनी आय में भी वृद्धि करेंगे। अभी आवेदन करें और सौर ऊर्जा के माध्यम से अपनी कृषि को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएं!